Bank Merged: देश भर में एक बड़ा बैग बंद कर दिया गया है। बैंक के विलय दूसरे बैंक में कर दिया गया है। इसका प्रस्ताव मंजूरी भी दे दी गई है। इसमें नेशनल बैंक स्टेट लेवल पर चल रहे हैं। बैंकवो के ऊपर हमेशा कुछ बदलाव दबदबा रहता है। कई बैंक आरबीआइ की गाइडलाइन पालन नहीं करते, जिसके तहत आरबीआइ के तहत ऐक्शन लिए जाता है और जब भी किसी बैंक दूसरे बैंक का विलय होता हैं, तो पुराने बैंक का नाम बंद कर दिया जाता है।
आप सभी उम्मीदवारों को बता दें कि सामान्यता बैंक में लगभग सभी लोग उपयोग करते हैं। बैंक में जब भी जरूरत होती है लोग ले सकते हैं, बचत कर सकते हैं, बैंक खाते में पैसे डाल सकते हैं। इसके कहीं पर भी एटीएम से सहायता से पैसे निकाल सकते हैं और कहीं पर बैंक बंद हो जाए तो किसी दूसरे बैंक मर्जर कर दिया जाए तो पैसे कैसे निकले? इसके सलूशन के बारे में हम बताने जा रहे हैं।
आप लोगों को बता दें कि देश के बड़े बैंक में सुमार आई डी ऐफ़ सी बैंक का विलय अब आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के अंदर किया गया है। यानी आईडीएफसी बैंक के नाम का कोई बैंक नहीं रहेगा। आईडीएफसी की शुरुआत में की गई थी। आईडीएफसी बैंक के रूप में भारतीय रिज़र्व बैंक लाइसेंस मिला था। अक्टूबर 2015 में ऑन टॉप लाइसेंस शुरू होने पर आईडीएफसी बैंक के तौर पर लॉन्च किया गया था।
इस बैंक में आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के विलय होने के बाद सभी ग्राहकों आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के नाम से शाखा जाना जाएगा। वर्तमान में आपकी शाखा क्या रहेंगी? इसके अलावा चेकबुक, अन्य चीज़ भी वही रहेगी। आप इसे अपडेट करना चाहते हैं तो अपनी शाखा में अपडेट कर सकते हैं। आपको लेनदेन के लिए इस प्रकार कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा और अपने बचत खाते में कोई भी पैसे उससे पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
आप पहले की तरह ट्रांजेक्शन कर पाएंगे, सब कुछ उसी प्रकार होगा। आपको नई चीज़ लेंगे जैसे ही आपका नए एटीएम लेते हैं आपको आईडीएफसी फर्स्ट बैंक का नाम से मिलेंगे।
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