कनाडा सरकार नागरिकता कानून में करने जा रही बड़ा बदलाव, भारतीयों की होगी बल्‍ले-बल्‍ले, जानें असर

Canadian Government Citizenship Law : कनाडा की सरकार नागरिकता से जुड़े कानून में अहम बदलाव करने जा रही है, जिसके तहत कनाडा के मिथेन मिनिस्टर मार्क मिलर ने गुरुवार को पेश इस कारण के बारे में जानकारी दी। यह कानून पहली पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी के नागरिकता का विस्तार करता है। इस कारण का भारत समेत कई देशों में आप्रवासियों का स्वागत किया। नागरिक?अधिनियम में संशोधन किया गया ताकि वंश के आधार पर नागरिकता पहली पीढ़ी की सीमा जोड़ी जा सकी। इसका मतलब है कि कनाडा आओ के माता पिता के एक कनाडा के पर फायदा हुए बच्चियों को नागरिकता कभी मिल सकती है जब उनके माता पिता कनाडा में पैदा हो। ऐसे में कनाडा के नागरिक को देशभर बाहर पैदा हुए बच्चों को खुद से नागरिकता नहीं मिलती, जो कनाडा के बाहर पैदा हुए थे।

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टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक प्रस्तावित संशोधन में पिछले साल अदालत के फैसले के मध्य नजर नहीं आ रहा है। इससे पहले पीड़ित सीमा में आज संवैधानिक माना गया था। कनाडा सरकार के माध्यम से आदेश के खिलाफ़ अपील नहीं करने का फैसला लिया था। इमीग्रेसन और ताली पवन ढिल्लो के कानून को समझते हुए कहा कि अगर यह का जन्म भारत में हुआ है। बाद में वह कनाडा गया। वहीं नागरिकता हासिल कर ली। ए ने भारत लौटने पर एक बच्चे बी को जन्म दिया भी। कीमा कनाडा की नागरिक हैं, लेकिन कनाडा की सरकार करेगी। पीड़ित सीमा नियम के साथ इस बच्चे को नागरिकता नहीं दे सकती। यानी पहली पीढ़ी जो विदेश में पैदा हुए थे, उसे विदेश में पैदा हुए दूसरी पीढ़ी को वंश के आधार पर नागरिकता देने का अधिकार नहीं था।

नए कानून से आने से क्या होगा बदलाव

प्रस्तावित संशोधन के अनुसार 2009 में विदेश में जन्मे करणारी लोगों के बच्चों को नागरिकता प्रदान की जाएगी। नए कानून के माध्यम से लागू होने की बात कनाडा के बाहर हुए पैदावार अच्छे लोगों की एक नया पर्याप्त कनेक्शन के मित्र बनाया जाएगा। ऐसे में भारतीय प्रस्थापित कानून के लागू होने के बाद कनाडाई नागरिक बनने में पात्र हैं। उन्हें इसके आवेदन करना होगा। भारत का कानून दोहरी  नागरिकता की अनुमति नहीं देता है।

आव्रजन सेवा कर्म संस्थापक के निकले ने कहा, यह कानून दुनिया भर से व्यक्तियों को एक बड़े समूह के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो  सकता है, विशेष रूप से भारतीय नागरिको के लिए इसकी अहमियत का ज्यादा है क्योंकि उनका कनाडा में बड़ी संख्या में प्रस्तावित कानून उद्देश्य यह सुनिश्चित करने के लिए कनाडाई कनाडा के साथ पर्याप्त संबंध है, वे अपने बच्चों को अपनी नागरिकता देने की क्षमता में सीमित नहीं हैं नए कानून के कनाडा के साथ महत्वपूर्ण संबंध रखने वाले प्रवासी भारतीयों को बहुत लाभ होगा।

मंत्री मिलर ने संक्षेप में कहा कि मौजूदा नियम आम तौर पर पहली पीढ़ी के वंश आधार पर नागरिकता की प्रति बंधित करते हैं। इस परिवार को असर होता है और यह उनके जीवन को प्रभावित भी करता है। ऐसे में इस बदलाव को देश समावेशी होना और कनाडा की नागरिकता के मूल्यों की रक्षा करना है। क्योंकि हम नागरिकता प्रक्रिया के यथा संभव निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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